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ग़जल

सुकून हो ऐसा शहर कहाँ |
बगैर, हादशों के सफ़र कहाँ ||

जिंदगी आइनों में ढूँढने वालो,
अपनी नहीं, उन्हें औरों की खबर कहाँ |

हर मंजर से खुदा भी डरने लगा,
बे-खौफ किसी की नजर कहाँ |

यारों, किसका गिला किससे करें,
सुनाने या दिखाने वाला जिगर कहाँ |

मय और मंजील तशनगी के लिए,
बे-पर्दा नजर आये वह नूर कहाँ |

किस जहाँ को ढूँढता है " असीम ",
या खुदा बता कोई सुकून-ए-घर कहाँ ||

धर्मेन्द्र भालेकर " असीम "
आमगांव - ४४१९०२ (महाराष्ट्र)
मोबाईल नं. ९९६०९७८२१३

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